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ram mandir opening-राम मंदिर का उद्घाटन

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ram mandir opening-राम मंदिर का उद्घाटन अयोध्या में विराजे रामलला

ram mandir opening-राम मंदिर का उद्घाटन अयोध्या में विराजे रामलला 12.10 बजे संकल्प के साथ शुरू हुई विधि, आरती के बाद PM मोदी ने किया साष्टांग प्रणाम-Ramlala seated in Ayodhya: Ceremony started with resolution at 12.10 pm, after Aarti, PM Modi prostrated अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह: अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा हाल के दिनों में सबसे बड़ी घटना बन गई है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफ़रीज़ ने सोमवार को कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई मायनों में व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इसमें कहा गया है कि नए हवाईअड्डे, पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन, टाउनशिप, बेहतर सड़क कनेक्टिविटी और अन्य सहित बुनियादी ढांचे के बदलाव से कई कंपनियों को बढ़ावा मिलता है।

ram mandir opening-राम मंदिर का उद्घाटन अयोध्या में विराजे रामलला:12.10 बजे संकल्प के साथ शुरू हुई विधि, आरती के बाद PM मोदी ने किया साष्टांग प्रणाम
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई है। श्रीराम विग्रह के प्रथम दर्शन भी हो गए। PM मोदी ने आरती के साथ पूजा पूरी की,उनके साथ गर्भगृह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे।सुबह मंत्रोच्चार से रामलला को जगाया, मंगल ध्वनि से शुरू हुई प्राण-प्रतिष्ठा
सुबह मंत्रोच्चार के साथ रामलला को जगाया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रों के साथ मंगलाचरण हुआ।10 बजे से शंख समेत 50 से ज्यादा वाद्य यंत्रों की मंगल ध्वनि के साथ प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू हुआ।दोपहर 12.29 बजे प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि शुरू हुई। 84 सेकेंड में ही मूर्ति में प्राण स्थापना हो गई।मंत्रोच्चार के साथ श्री रामलला के चरणों में जल छोड़ा, फिर अक्षत और पुष्प चढ़ाए। नैवेद्य लगाकर आरती के साथ पूजा पूरी की।इसके बाद रामलला को साष्टांग प्रणाम किया और संतों का आशीर्वाद लिया।अब प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंडप में वसोधारा पूजन होगा। ऋग्वेद और शुक्ल यजुर्वेद की शाखाओं का होम और परायण होगा। इसके बाद शाम को पूर्णाहुति होगी और देवताओं का विसर्जन किया जाएगा।

 

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ram mandir opening-राम मंदिर का उद्घाटन अयोध्या में विराजे रामलला करीब 50 मिनट चली पूजा-Ramlala sitting in Ayodhya The puja lasted for about 50 minutes.

11.55 AM: मंदिर के उत्तरी द्वार से PM मोदी मंदिर परिसर में पहुंचे। हाथ में चांदी का छत्र और रामलला के वस्त्र लेकर सीधे मंदिर के अंदर गए। यहां संघ प्रमुख मोहन भाववत,
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूजा में शामिल हुए।12.10 PM: राम मंदिर के मुख्य अर्चक पं. मोहित पांडे ने सबसे पहले शुद्धिकरण कराया।
हाथ में जल लेकर पूजा और प्राण-प्रतिष्ठा का संकल्प कराया। इसके बाद प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि शुरू हुई।
12.15 PM: प्राण-प्रतिष्ठा की पूजा शुरू हुई। रामलला विराजमान और तीनों भाइयों की प्रतिमा के सामने बैठकर PM मोदी ने पूजन किया। गणपति पूजा हुई। रामलला को विभिन्न पूजन सामग्रियां और फूल चढ़ाए गए।
12.25 PM: रामलला की आंखों से पट्टी हटाई गई। PM मोदी ने प्रतिमा का पूजन किया। प्रतिमा के चरणों में कमल के फूल अर्पित किए।
12.29 से 12.31 PM: कमल के फूल से PM मोदी ने प्रतिमा के जल छिड़क कर प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि को पूरा किया। रामलला के विग्रह पर अलग-अलग पूजन सामग्रियां चढ़ाई।
12.35 PM: प्रधानमंत्री मोदी रामलला की पूजा की और धूप आरती की।

12.40 PM: रामलला की आरती की गई। PM मोदी सहित सभी अतिथियों ने रामलला की दीपों से आरती की। आरती के दौरान PM मोदी ने चंवर डुलाकर रामलला की सेवा भी की।
12.55 PM: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान पूरा हुआ। PM मोदी ने गर्भगृह से निकलकर रामलला को साष्टांग प्रणाम किया। फिर मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास और राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का आशीर्वाद लिया।
16 जनवरी से शुरू हो गए थे प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़े शुभ संस्कार
इससे पहले 7 दिनों में अयोध्या नगरी कुल साढ़े 5 लाख मंत्रों से गूंज उठी। इस महोत्सव में होने वाली वैदिक क्रियाएं और शुभ संस्कार 16 तारीख से शुरू हो गए थे। काशी के 121 वैदिक-कर्मकांडी ब्राह्मणों ने इन मंत्रों का सिलसिलेवार ढंग से धाराप्रवाह वाचन किया।

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पहले दिन प्रायश्चित्त होम यानी पवित्रीकरण की क्रिया हुई। इसके बाद कलश पूजन और मूर्ति की शोभायात्रा हुई फिर मूर्ति का परिसर में प्रवेश हुआ। जलयात्रा और तीर्थ पूजा हुई और अधिवास हुए।

मूर्ति की पवित्रता और शक्ति बढ़ाने के लिए मूर्ति को जल, घी, औषधि, केसर, शहद, फल, अनाज और सुगंधित चीजों में रखा गया। इसे अधिवास कहते हैं। इसके बाद श्रीरामलला को 20 जनवरी को स्थापित किया।राम मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है। यह अपने ऐतिहासिक संदर्भ और धार्मिक महत्व के कारण बहुत महत्व रखता है। यहां इसके बारे में कुछ जानकारी दी गई है:अयोध्या राम मंदिर: नवीनतम समाचार संक्षेप में (22 जनवरी, 2024)
भव्य अभिषेक संपन्न: ऐतिहासिक “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह 18 जनवरी को गर्भगृह में भगवान रामलला की मूर्ति स्थापित करने के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।उत्सव जारी: अयोध्या में उत्सव का माहौल बना हुआ है, मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है और पूरे शहर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।सार्वजनिक दर्शन जल्द: मंदिर के 23 जनवरी को सार्वजनिक दर्शन के लिए खुलने की उम्मीद है, शुरुआत में सीमित पहुंच होगी और जल्द ही चरणबद्ध विस्तार होगा।सुरक्षा उच्च स्तर पर बनी हुई है: तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय अभी भी लागू हैं।राष्ट्रव्यापी खुशी: अभिषेक ने पूरे भारत में अपार खुशी ला दी है, कई शहरों में समारोह और विशेष प्रार्थनाएँ आयोजित की गईं।

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ram mandir opening-राम मंदिर का उद्घाटन ऐतिहासिक संदर्भ:

राम जन्मभूमि, वह स्थान जहां राम मंदिर बनाया जा रहा है, हिंदू धर्म में पूजनीय देवता भगवान राम का जन्मस्थान माना जाता है।
यह स्थान सदियों से विवाद का विषय रहा है, भूमि के स्वामित्व को लेकर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है।
2019 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हिंदू पक्षों के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया।
वर्तमान स्थिति:

राम मंदिर के लिए भूमि पूजन (भूमिपूजन समारोह) 5 अगस्त, 2020 को आयोजित किया गया था।
निर्माण लगातार प्रगति पर है, पहली मंजिल और गर्भगृह (सबसे भीतरी कक्ष) 22 जनवरी, 2024 तक पूरा हो गया है।
प्राण प्रतिष्ठा (अभिषेक) समारोह 22 जनवरी, 2024 को हुआ, जो कई हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था।

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ram mandir opening-राम मंदिर का उद्घाटन वास्तुकला:

राम मंदिर का निर्माण वास्तुकला की नागर शैली में किया जा रहा है, जो अपने ऊंचे टावरों और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है।
अंतिम संरचना 76 मीटर चौड़ी, 120 मीटर लंबी और 49 मीटर ऊंची होगी।
मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियाँ होंगी।
धार्मिक महत्व:

राम मंदिर दुनिया भर के करोड़ों हिंदुओं की आस्था और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
इसके एक प्रमुख तीर्थस्थल बनने और जीवन के सभी क्षेत्रों से भक्तों को आकर्षित करने की उम्मीद है।
मंदिर का पूरा होना और उसकी प्रतिष्ठा को भारतीय इतिहास और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जाता है।

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